Various Sects and Subcasts -(चारणों की विभिन्न शाखाएँ एवं प्रशाखाएँ)/ चारण परिचय
Published On : September 8, 2018 चारणों के पर्याय-नाम एवं १२० शाखाएं/गोत्र – स्व. ठा. कृष्णसिंह बारहट Author: ठा. कृष्णसिंह बारहट प्रसिद्ध क्रांतिकारी एवं समाज सुधारक ठा. केसरी सिंह बारहट के पिताश्री ठा. कृष्णसिंह बारहट (शाहपुरा) रचित ग्रन्थ “चारण कुल प्रकाश” से उद्धृत महत्वपूर्ण जानकारी–
१. चारणों के पर्याय-नाम और उनका अर्थ
२. चारणों की १२० शाखाओं/गोत्रों का वर्णन[…] Click here to read full…
Published On : October 26, 2015 चारणों की विभिन्न शाखाओं का संक्षिप्त परिचय Author: Charans.org आढ़ा चारणों की बीस मूल शाखाओं (बीसोतर) में “वाचा” शाखा में सांदु, महिया तथा “आढ़ा” सहित सत्रह प्रशाखाएं हैं। इसके अन्तर्गत ही आढ़ा गौत्र मानी जाती है। आढ़ा नामक गांव के नाम पर उक्त शाखा का नाम पड़ा जो कालान्तर में आढ़ा गौत्र में परिवर्तित हो गया। चारण समाज में महान ख्यातनाम कवियों में दुरसाजी आढ़ा का नाम मुख्य रूप से लिया जाता है। इनका जन्म 1535 ईस्वी में आढ़ा (असाड़ा) ग्राम जसोल मलानी (बाड़मेर) में हुआ। इनके पिता मेहाजी आढ़ा तथा दादा अमराजी आढ़ा थे। ये अपनी वीरता, योग्यता एवं कवित्व शक्ति के रूप में राजस्थान में विख्यात हुए। […] Click here to read full…